लीव इन रिलेशनशिप का हर पहलू। Every aspects about live in relationship (Hindi)

नेमपाल सिंह के द्वारा 





लीव इन रिलेशनशिप 


                 वर्तमान समय में लीव इन रिलेशनशिप live in relationship एक ऐसा चलन है जो कि आज के आधुनिक और व्यस्त समय में बहुत ज्यादा देखने में आता है। प्रत्यक्ष रूप से यह जाना या माना जा सकता है कि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship एक ऐसा सम्बन्ध है जिसके दो तरफ़ा सकारात्मक व् नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। यदि आधुनिकता की बात की जाए तो यह कहना उचित होगा कि बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, नॉएडा और गुरुग्राम जैसे शहरों में इस प्रकार का रिलेशन बहुत अधिक प्रचलन में है। अब यह जानना बहुत अधिक आवश्यक है कि लीव इन रिलेशनशिप के दो तरफ़ा प्रभाव क्या हैं ? आईये इस पोस्ट के माध्यम से हम जानेंगे कि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship क्या है और इसके क्या- क्या कानूनी मान्यताएँ हैं और इस प्रकार के रिलेशनशिप के क्या क्या प्रभाव हो सकते हैं ?


लीव इन रिलेशनशिप क्या है ?

                    अब सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship क्या है ? लीव इन रिलेशनशिप live in relationship एक ऐसा सम्बन्ध है जिसमें लड़का और लड़की अपनी मर्जी से, एक दूसरे की सहमती के साथ एक दूसरे के साथ एक छत के नीचे रहने के लिए राजी होते है और हर प्रकार का सम्बन्ध बनाते है और एक दूसरे के साथ सामंजस्य के साथ बिना विवाह के जीवन निर्वाह करते हैं। अब क्योंकि यह एक ऐसा सम्बन्ध होता है जिसमें कि दोनों पक्षों की रजामंदी होती है तो यह एक प्रकार के सम्बन्ध को प्रदर्शित करता है जिसको वैवाहिक सम्बन्ध तो नहीं माना जा सकता लेकिन एक ऐसा सम्बन्ध माना जा सकता है जो वैवाहिक सम्बन्ध जैसा ही दिखता है।


लीव इन रिलेशनशिप के कानूनी पहलू 

             लीव इन रिलेशनशिप live in relationship के कानूनी पहलू को जाने बिना लीव इन रिलेशनशिप live in relationship को जानना बेमानी होगा। क्योंकि भारत एक गणतंत्र है और भारत एक संवैधानिक राष्ट्र है और भारत में काफी किस्म के कानून है जो कि समाज में कानून और व्यस्था को कायम करते हैं। जाहिर तौर पर कानून और व्यवस्था को सुचारु रूप से चलने के लिए पुलिस प्रशाशन है और न्यायिक व्यवस्था हैं जिसके माध्यम से कानून का संचालन एक न्यायसंगत तरीके से पूरा हो पता है। अब क्योंकि हर एक प्रकार के कार्यों के लिए और समाज में चल रही हर एक गतिविधि के सम्बन्ध में कानून बनाए गए हैं तो लीव इन रिलेशनशिप live in relationship के सम्बन्ध में भी कानून कुछ दर्शाता है। क्योंकि भारत में संविधान को सर्वोपरि माना गया है तो सबसे पहले संवैधानिक स्वरुप को जान लेना आवश्यक है। संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि हर एक नागरिक को अपने जीवन को अपने मुताबिक जीने की स्वतंत्रता है। इसके लिए किसी भी नागरिक को बाधित नहीं किया जा सकता। जीवन जीने की स्वतंत्रता का जो अधिकार है उसे तभी राज्य द्वारा बाधित किया जा सकता है जब कोई नागरिक किसी किस्म का अपराध करता है और उस अपराध के लिए सजा का प्रावधान होता है। इसके अलावा जीवन की स्वतंत्रता को किसी भी  प्रकार से किसी के भी द्वारा बाधित नहीं किया जा सकता है। यह जान लेना भी आवश्यक है कि जीवन जीने की स्वतंत्रता में पिछले साल 2018 में माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने एक आदेश जारी किया था जिसके अंतर्गत निजता (प्राइवेसी) के अधिकार को भी शामिल कर लिया गया था। आज इस बात को माना जा सकता है की अनुच्छेद 21 के अनुसार भारत के हर एक नागरिक को जीवन जीने की स्वतंत्रता व् निजता (प्राइवेसी) का अधिकार प्राप्त है।


लीव इन रिलेशनशिप पर फिलहाल कोई अलग से कानून नहीं है। 

                          लेकिन लीव इन रिलेशनशिप live in relationship को संवैधानिक मान्यता के आधार पर ही देखा जा सकता है। यह माना जा चुका है कि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship एक कानूनन वैध सम्बन्ध बन जाता है जब उस सम्बन्ध को भारतीय संविधान के परिपेक्ष्य में देखा जाता है जिस पर किसी किस्म का कानून न होते हुए भी यह संवैधानिक रूप से वैध सम्बन्ध माना जाता है क्योंकि यह सम्बन्ध लड़का व् लड़की दोनों की आपसी सहमति से स्थापित किया गया सम्बन्ध होता है और जिसमें किसी किस्म की क्रिमिनल क्रियाकलाप शामिल नहीं होता है और जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत हर एक नागरिक का अधिकार है कि वह अपनी आज़ाद मर्जी से बिना किसी दबाव के किसी के भी साथ रह सकता है और जीवन जी सकता है कानूनन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए।

लीव इन रिलेशनशिप के लिए उम्र का पैमाना तय किया गया है। 

                          यह जानना भी अत्यंत आवश्यक है कि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship के लिए कानून के अंतर्गत अप्रतक्ष्य रूप से उम्र का पैमाना भी तय किया गया है। जिसके अनुसार यह अत्यंत आवश्यक है कि लड़के व लड़की की उम्र 18 वर्ष कम से कम पूरी होना आवश्यक है। हलाकि इस अवस्था में वह आपस में विवाह नहीं कर सकते है लेकिन एक साथ लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रह सकते है। क्योंकि हाल ही में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के एक फैसले के अनुसार यदि लड़के की उम्र वैवाहिक मान्यता के अनुसार 21 वर्ष न हो लेकिन यदि वह 18 वर्ष उम्र पूरी कर चुका है अर्थात यदि वह व्यस्क हो चुका है तो वह एक व्यस्क अर्थात 18 वर्ष पूरा कर चुकी लड़की के साथ लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रह सकता है। अब अगर सारांश में बताया जाए तो यह कहा जा सकता है कि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रहने के लिए लड़का व् लड़की की उम्र कम से कम 18 वर्ष (व्यस्क अवस्था) होना आवश्यक है। लेकिन सिर्फ व्यस्क होने से यह मान्यता नहीं मिलती कि वह आपस में विवाह कर लें।  विवाह के लिए कानून के अनुसार लड़के की उम्र कम से कम 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष होना आवश्यक है। 

विवाहितों के लिए लीव इन रिलेशनशिप नहीं है। 

                    काफी बार यह सवाल पूछा जाता है कि क्या विवाहित व्यक्ति भी लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रह सकते है। हालां कि हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने धरा 497 भारतीय दंड संहिता  को अपने एक आदेश में निरस्त (ख़तम) कर दिया था जो कि गैरकानूनी माने जाने वाले अवैध सम्बन्ध के लिए परिभाषित था। जिसके अंतर्गत उस व्यक्ति को सजा देने का प्रावधान था जो कि किसी दूसरे व्यक्ति की पत्नी को बिना उस व्यक्ति की इजाजत के उसकी पत्नी के साथ नाजायज सम्बन्ध बनाता था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में  कहा था कि पत्नी को पति की प्रॉपर्टी के रूप में यानि की एक वास्तु के रूप में नहीं माना जा सकता जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत समानता के अधिकार का हनन है और कहा गया कि पत्नी को भी समानता का दर्जा संविधान के अनुसार दिया गया है। यदि किसी की पत्नी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ सम्बन्ध बनाती है तो इसके लिए पति भी जिम्मेदार है। 
                         अब यह बात प्रत्यक्ष रूप से मानी जा सकती है और कही जा सकती है कि यदि किसी भी शादीशुदा महिला के साथ यदि कोई दूसरा व्यक्ति संबंध बनता है तो उसे अपराध की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता है। लकिन इसका यह मतलब कतई नहीं माना जा सकता कि किसी भी व्यक्ति को किसी अन्य शादीशुदा महिला के साथ सम्बन्ध बनाने के लिए मान्यता मिल गयी है। बल्कि इसे इस रूप में देखा जा सकता है कि यह भारत की संस्कृति के विरुद्ध एक सामाजिक कुरीति है।


अब सवाल यह भी पूछा जाता है कि यदि लड़का व् लड़की में से कोई एक कुंवारा हो तो उस स्थिति में क्या लीव इन रिलेशनशिप में रहा जा सकता है ?
                इस सवाल के जवाब में यह आसानी से कहा जा सकता है कि कानून इसकी भी मान्यता किसी को नहीं देता कि यदि लड़का व् लड़की में से कोई एक भी यदि कुंवारा होता है तो वह किसी शादीशुदा के साथ लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रह सकता है क्योंकि धारा 497 भारतीय दण्ड संहिता के निरस्त होने के बाद भी फैमिली कोर्ट में यदि पति या पत्नी के द्वारा यह साबित कर दिया जाता है कि उसके पति या पत्नी का किसी और पुरुष या महिला चाहे वे शादीशुदा हों या कुंवारा या कुंवारी हो के साथ नाजायज सम्बन्ध है तो उस स्थिति में वह एक तलाक का ग्राउंड (कारण) बन जाता है और जिसका भी नाजायज सम्बन्ध चाहे वह सम्बन्ध कुंवारे लड़के के साथ हो या कुंवारी लड़की के साथ हो या  शादीशुदा पुरुष के साथ हो या फिर शादीशुदा महिला के साथ हो, हर स्थिति में वह एक तलाक का कारण बनता है। हालाँकि उस स्थिति में कोई भी फौजदारी मुकदमा उस व्यक्ति के खिलाफ नहीं किया जा सकता है जिसमें किसी महिला या पुरुष का नाजायज समझेजाने वाला सम्बन्ध होता है और जिसके साथ होता है उसे भी आपराधिक फौजदारी मुकदमे की लिहाज से अपराधी नहीं माना जा सकता है। यहाँ यह भी जानना आवश्यक है कि यदि किसी महिला या पुरुष का तलाक हो जाता या फिर उसकी पहली पत्नी या पति की मृत्यु हो जाती है तो वह किसी भी कुंवारे लड़के या लड़की के साथ लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रह सकते है।


अब यह भी सवाल पूछा जाता है कि क्या लीव इन रिलेशनशिप में पुलिस को किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की पावर है ? 

                     इस सवाल के जवाब में कहा जा सकता है कि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship माने जाने वाला सम्बन्ध यदि पूरी तरह कानूनन मान्यत के अंतर्गत होता है, यानि कि कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखकर लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रहा जा रहा है तो पुलिस किसी भी किस्म से उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन नहीं कर सकती है। मसलन यदि लड़का व् लड़की बालिग है यानि कि 18 वर्ष अपनी उम्र पूरी कर चुके है अपनी पूरी सहमति के साथ बिना किसी जबरदस्ती या दबाव या फिर बिना किसी किस्म के झूठे झांसे के लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रह रहे हैं तो उनको पुलिस के द्वारा परेशान नहीं किया जा सकता है। अब यह भी जानना आवश्यक है कि यदि दोनों किसी और के साथ शादीशुदा हैं और या फिर लड़का या लड़की में से कोई एक शादीशुदा है और दूसरा कुंवारा है तो उस स्थिति में सिर्फ लीव इन रिलेशनशिप live in relationship के परिपेक्ष्य में पुलिस को कोई अधिकार नहीं है कि वह उनमें से किसी के भी खिलाफ कानूनन कार्यवाही करे या फिर गिरफ्तार करे, यदि दोनों अपनी रजामंदी के साथ और बिना किसी दबाव या फिर एक दूसरे की सच्चाई को जानते हुए लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रह रहे हैं तो क्योंकि ऐसा अब कोई कानून नहीं है जो उनमें से किसी एक को भी अपराधी बनाता हो। लेकिन यह ज्ञात रहे कि यदि दोनों में से किसी एक पर भी किसी किस्म का दूसरे के द्वारा दवाब बनाया जाता है या फिर किसी किस्म की आपराधिक धमकी लीव इन रिलेशनशिप live in relationship के लिए दी जा रही है तो पुलिस को उस सन्दर्भ में शिकायत मिलने पर पुलिस के द्वारा धमकी देने वाले के या दबाव डालने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। यदि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में लड़का या लड़की किसी बात को छुपता है जैसे कि यदि कोई एक शादीशुदा हो और वह न बताए कि वह पहले से ही शादीशुदा है तो उस स्तिथि में भी शिकायत किए जाने पर पुलिस के द्वारा धोखा देकर सम्बन्ध बनाने वाले व्यक्ति के खिलाफ पुलिस के द्वारा मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। जो ख़ास तौर पर उस स्थिति में किया जा सकता है जब कि धोखा लड़की को दिया जाता है और शादीशुदा लड़के के द्वारा सम्बन्ध बना लिया जाता है और लड़की को उस शादीशुदा लड़के के द्वारा नहीं बताया जाता कि वह पहले से ही शादीशुदा है। एक स्थिति यह भी हो सकती है जब दोनों ही कुंवारे होते है और लड़के के द्वारा लड़की को झांसा दिया जाता है कि यदि लड़की लड़के के साथ लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रहे तो वह लड़की के साथ विवाह कर लेगा और यदि वह लड़का बाद में लड़की के साथ झूठ बोल कर और विवाह का झांसा देकर सम्बन्ध बनाने के बाद विवाह करने से इंकार कर देता है और फिर यदि इस सन्दर्भ में लड़की के द्वारा शिकायत की जाती है तो पुलिस के द्वारा सम्बंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है और लड़के को तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है। यदि लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रहने वाले लड़का व् लड़की में से यदि कोई एक भी नाबालिग होता है तो वह गैरकानूनी माना जायेगा।  

अब सवाल यह भी पूछा जाता है कि क्या घरेलू कानून लीव इन रिलेशनशिप पर लागू होता है ?
             यह जानना आवश्यक है ख़ास तौर पर लड़की के लिए कि यदि लड़का व् लड़की कानूनन तौर पर लीव इन रिलेशनशिप live in relationship जैसे सम्बन्ध में रहते है और तो कानून के अनुसार  लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में रहने वाली हर एक लड़की वही हक़ रखती है जो एक पत्नी रखती है। मसलन यदि लड़के के द्वारा लड़की के भरण पोषण के लिए खर्चा नहीं दिया जाता है तो लड़की के द्वारा धारा 125 दंड प्रकृया संहिता के अंतर्गत भरण पोषण के लिए कोर्ट के माध्यम से खर्चा ले सकती है और यदि घरेलू हिंसा की जाती है तो उस स्थिति में भी घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत केस किया जा सकता है। दहेज मांग का कानून लीव इन रिलेशनशिप live in relationship में लागू नहीं होता है। 





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