चलती सड़क पर स्टंट करना पड़ सकता है भारी (जानिए कानून)

By Nempal Singh (Adv.)

01.02.2023 




स्टंट का ट्रेंड है खतरनाक :


आज के दौर में यह कहना गलत नहीं होगा कि जैसे जैसे आधुनिकता बढ़ती जा रहे है उसी गति से अपराध भी बढ़ता जा रहा है। आपने काफी बार सोशल मीडिया के माध्यम से यह देखा होगा कि काफी लोग चलती सड़क पर स्टंट करते हैं कुछ लोग मोटरसाइकिल से स्टंट करते हैं तो कुछ लोग चलती कार पर स्टंट करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस प्रकार का स्टंट कानूनन रूप से अपराध माना गया है। इस लेख के माध्यम से मैं आज आपको बताऊंगा कि सड़क पर किसी भी प्रकार से दो पहिया वाहन से और चार पहिया वाहन से स्टंट करना किस कानून के अंतर्गत एक अपराध माना गया है।  


क्या कहता है भारतीय कानून :

    स्टंट के विषय में भारतीय कानून बिलकुल स्पष्ट है और भारतीय कानून के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धारा 279 के अंतर्गत लापरवाही से वाहन चलाना या फिर कहा जाए तो चलते वाहन पर स्टंट करना एक अपराध माना गया है।  इस विषय में जान लेना बहुत अधिक आवश्यक है कि आखिरकार भारतीय कानून क्या कहता है। 


धारा 279  के अंतर्गत :


धारा 279  भारतीय दंड संहिता के अन्तर्गत जो कोई भी गफलत, लापरवाही के साथ सड़क पर वाहन चलता है जिससे दूसरों की जान को खतरा हो और चोट लगने की सम्भावना हो या फिर किसी को चोट लगती है तो उस प्रकार से वाहन चलना इस धारा के अंतर्गत एक अपराध माना गया है।  ऐसे व्यक्ति को उसके खिलाफ इस धरा के अंतर्गत अदालत में दोष सिद्ध होने पर छह महीने तक की सजा या फिर 1000 /- रूपए जुर्माने के साथ या फिर सजा व् जुर्माने दोनों के साथ दण्डित किया जा सकता है।  




धारा 279 के अंतर्गत अपराध का विश्लेषण :


इस धारा के अंतर्गत यह एक संज्ञेय अपराध है जिसके अंतर्गत पुलिस को यदि गुप्त रूप से या फिर किस भी लिखित रूप से या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से घटना के विषय में जानकारी मिलती है तो उस सूरत में पुलिस द्वारा संज्ञान लेते हुए दोषी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया जा सकता है और दोषी को बिना किसी वारंट के तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है। साथ ही साथ यह एक जमानती अपराध है और इस धारा के अंतर्गत मुक़दमा पंजीकृत होने पर अपराधी को आसानी से जमानत मिल जाती है।  


कैसे मिलती है पुलिस को सूचना :




ज्यादातर मामलों में यदि किसी भी व्यक्ति विशेष को किसी वाहन से एक्सीडेंट होने पर चोट लगती है तो घायल व्यक्ति को अस्पताल ले कर जाने के बाद डॉक्टर के द्वारा उक्त एक्सीडेंट की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस को दी जाती है और स्थानीय पुलिस के द्वारा क़ानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाती है।  काफी मामलों में ऐसा भी देखा  गया है कि जब डॉक्टर के द्वारा सूचना पुलिस को नहीं दी जाती है तो घायल व्यक्ति उक्त घटना के सम्बन्ध में अपने खुद के द्वारा या फिर अपने परिजनों के द्वारा पुलिस को सूचित कर सकता है और अपराधी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करवा सकता है। 


स्टंट के मामले में किस प्रकार की जाती है कार्यवाही :




ज्यादातर स्टंट के मामले सोशल मीडिया पर वीडियो के रूप में अपलोड किये जाते है और जब उन वीडियो पर पुलिस की नज़र पड़ती है या फिर कोई भी व्यक्ति पुलिस को स्टंट की घटना के विषय में अवगत करवाता है तो  पुलिस के द्वारा मामला दर्ज कर लिया जाता है और अपराधी को पुलिस के द्वारा खोज कर गिरफ्तार कर लिया जाता है।  


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