संज्ञेय और असंज्ञेय अपराध क्या है ? Cognizable and Non-cognizable offences in Hindi.
नेमपाल सिंह के द्वारा
संज्ञेय अपराध: (Cognizable offence)
यह जानना बहुत अधिक आवश्यक है कि संज्ञेय अपराध(Cognizable offence) क्या और कौन से होते हैं
I ज्यादातर लोगों को इस विषय में जानकारी नहीं है
कि वो कौन-कौन से अपराध हैं जिनमें पुलिस को बिना गिरफ़्तारी वारंट के अपराधी को
गिरफ्तार करने की पावर है I संज्ञेय अपराध(Cognizable offence)वो अपराध होते हैं जिसमें पुलिस को बिना गिरफ़्तारी वारंट के अपराधी को गिरफ्तार करने की पावर होती है I पुलिस संज्ञेय अपराध के सन्दर्भ में सिर्फ सूचना के आधार पर ही प्राथमिकी (ऍफ़. आई. आर.) दर्ज कर सकती है I संज्ञेय अपराध(Cognizable offence) बड़े किस्म के अपराध होते हैं जैसे हत्या, जान से मरने की कोशिश, बलात्कार इत्यादि I
इस बात का ध्यान रखना बहुत अधिक आवश्यक है कि संज्ञेय अपराध में पुलिस प्राथमिकी यानि कि ऍफ़.
आई.
आर.
दर्ज करने से मना नहीं कर सकती है I किसी भी गैरजमानती और संज्ञेय अपराध में कोई भी आम नागरिक जिसके सामने संज्ञेय अपराध(Cognizable offence) घटित होता है अपराधी को कानूनन रूप से गिरफ्तार भी कर सकता है और गिरफ्तार करने के बाद सम्बंधित पुलिस को अग्रिम कार्यवाही के लिए सौप दिया जाता है जो कि आवश्यक है
I
हर एक नागरिक को पुलिस की कार्य प्रणाली के बारे में जानना बहुत अधिक आवश्यक है
I यूँ तो पुलिस को कानून के अंतर्गत बहुत सी शक्तियां प्राप्त हैं लेकिन पुलिस को कानून के अंतर्गत कार्य करना बहुत अधिक आवश्यक है
I पुलिस को अलग अलग कानून के अंतर्गत अपराधी को गिरफ्तार करने की पावर है
I जब कभी कोई भी संज्ञेय अपराध(Cognizable offence) होता है तो कोई भी नागरिक इसकी शिकायत पुलिस को कर सकता है
I पुलिस का ये कर्तव्य है कि उस घटना के सन्दर्भ में प्राथमिकी (ऍफ़ .आई
. आर.) दर्ज करे
I संज्ञेय अपराध(Cognizable offence) के सन्दर्भ में जब प्राथमिकी दर्ज कर ली जाती है तो उसकी एक कॉपी निःशुल्क शिकायत कर्ता को दी जाती है जो कि कानूनन रूप से आवश्यक है
I अगर कोई पुलिस अधिकारी प्राथमिकी दर्ज करने से इंकार करता है तो इसकी शिकायत इलाका के यानि कि जिस थाना के अंतर्गत अपराध हुआ है उस इलाका के पुलिस अधीक्षक को इस सन्दर्भ में लिखित शिकायत की जा सकती है
I अगर संज्ञेय अपराध(Cognizable offence) के सन्दर्भ में पुलिस प्राथमिकी यानि की ऍफ़ आई आर दर्ज करने से मना करती है और यदि पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद भी कोई कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं की जाती है तो संज्ञेय अपराध के सन्दर्भ में इलाका के उच्च न्यायालय में 482 सी.
आर.
पी.
सी.
के अंतर्गत एक याचिका दायर की जा सकती है
I जिसके माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय से पुलिस के खिलाफ निर्देश प्राप्त किये जा सकते हैं कि पुलिस मामले में ऍफ़. आई. आर. दर्ज करे I
असंज्ञेय अपराध : (Non-cognizable offence)
आपराधिक गतिविधियों के
बढ़ने के साथ- साथ ये भी आवश्यक है कि सभी को यह भी पता हो कि असंज्ञेय अपराध(Non-cognizable offence) क्या
और कौन से होते हैं I असंज्ञेय अपराध(Non-cognizable offence) वो अपराध होते हैं जिसमें पुलिस को बिना वारंट के अपराधी को गिरफ्तार करने की पावर नहीं होती है
I इस तरह के अपराध छोटे किस्म के अपराध माने जाते हैं
I जैसे यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को धक्का देता है और वो गिर जाता है तो उस तरह का अपराध छोटा अपराध माना जाता है और अगर एक अन्य उदाहरण के बारे में बताया जाए तो यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को थप्पड़ मरता है तो उस तरह का अपराध असंज्ञेय अपराध(Non-cognizable offence) माना जायेगा I असंज्ञेय अपराध(Non-cognizable offence) होने पर इसकी सूचना उस इलाका की पुलिस को दी जाती है और उस शिकायत को पुलिस रोजनामचे में दर्ज करती है तत्पश्चात पुलिस उस सुचना को पुलिस द्वारा इलाका मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया जाता है और उस मामले में जाँच करने के आदेश इलाका मजिस्ट्रेट से प्राप्त किये जाते हैं
I ध्यान रहे कि पुलिस को असंज्ञेय अपराध (Non-cognizable offence) के सन्दर्भ में सिर्फ जाँच करने का ही अधिकार है I
अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस के पास गिरफ़्तारी वारंट का होना आवश्यक है I
For more Information Watch our YouTube video: What is the cognizable and a non-cognizable offence
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