व्हट्स एप्प पर पोर्न भेजना पड़ेगा महंगा । High court order on whatsapp illegal messages
नेमपाल सिंह के द्वारा
व्हट्स एप्प पर पोर्न भेजना पड़ेगा महंगा (High Court Order on Whatsapp)
आधुनिकता के बढ़ने के साथ- साथ समाज में नए किस्म के अपराध भी दिन प्रति दिन बढ़ते जा रहे हैं। ज्यादातर अपराध अब साइबर अपराध के रूप में सामने आ रहे हैं। इसी प्रकार के एक मामले में माननीय उच्च न्यायालय, पंजाब एवं हरियाणा, चंडीगढ़ के द्वारा एक एहम फैसला सुनाया गया। मामला व्हट्स एप्प पर भेजे गए मैसेज के सम्बन्ध में है।
व्हट्स एप्प पर यदि कोई पोर्न या अश्लील चित्र ,इमेज या वीडियो भेजेगा और यदि वह व्यक्ति यह दलील देता है कि उसका मोबाइल फोन किसी ने ले लिए था या फिर वह व्यक्ति ये दलील दे कि उसने गलती से वो सभी चीजें भेज दी तो अब यह दलील या पक्ष कोर्ट में माना नहीं जायेगा। एक मामले में अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान माननीय उच्च न्यायालय, पंजाब एवं हरियाणा , चंडीगढ़ के द्वारा यह कहा गया कि यदि कोई व्यक्ति व्हट्स एप्प पर कोई भी अश्लील वीडियो, फोटो, इमेज या फिर किसी और तरह का अश्लील मैसेज किसी भी ग्रुप में भेजता है और यह दलील देता है कि उसने वह सब चीजें गलती से भेज दी थी या फिर यह दलील देता है कि उसका मोबाइल किसी ने ले लिए था और उसकी जानकारी के बिना किसी अन्य व्यक्ति ने वो सभी चीजें व्हट्स एप्प पर शेयर कर दी।
माननीय न्यायधीश अनीता चौधरी के द्वारा एक अग्रिम जमानत के मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि "इस प्रकार का दोष गंभीर है और इस प्रकार के मामले को हलके में नहीं लिया जा सकता। "
क्या था मामला (Punjab & Haryana High Court Order on WhatsApp)
जानकारी के अनुसार एक केमिस्ट जिसका नाम अमित गुप्ता है ने कुल 65 अश्लील अथवा पोर्न वीडियो को व्हट्स एप्प ग्रुप में भेज दिया था जिन ग्रुप्स में उन वीडियोस को भेजा गया था उन ग्रुप्स में काफी महिलाएं भी मेंबर थीं और इस मामले की शिकायत की गयी और पुलिस के द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 509 व् इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67- A के अंतर्गत दिनांक 31 अगस्त 2018 को मुक़दमा दर्ज किया गया। आरोप लगाया गया की 65 अश्लील सन्देशों को जिनमें पोर्न वीडियोस शामिल हैं पंचकूला, हरियाणा के एक व्हट्स एप्प ग्रुप में भेजा था कथित तौर पर उस ग्रुप्स में महिलाएं भी थीं और एक महिला द्वारा इस मामले में पुलिस को शिकायत की गयी। और पुलिस के द्वारा संज्ञान लिया गया।
क्या कहा गया दलील में
अपनी अग्रिम जमानत की अर्जी में सुनवाई के दौरान आरोपी अमित गुप्ता के वकील के द्वारा दी गयी दलील में कहा गया कि अमित गुप्ता से किसी अनजान व्यक्ति ने उसका मोबाइल ले लिया था और उन सभी चीज़ों को उसकी जानकारी के बिना व्हट्स एप्प ग्रुप में शेयर कर दिया। दलील में आरोपी पक्ष के द्वारा यह भी कहा गया कि चूँकि उसका मोबाइल उसके पास नहीं था तो किसी और अनजान व्यक्ति ने उन मैसेजेस को भेज दिया और यह भी कहा गया कि यह कोई तकनिकी खराबी के कारण हुआ था। इसके अलावा आरोपी ने कहा कि उसने ग्रुप में दोबारा मैसेज करके माफ़ी मांग ली थी और मैसेजेस को डिलीट कर दिया था। वहीँ शिकायत कर्ता के द्वारा आरोपी की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि यह एक गंभीर मामला है और इस मामले को यूँ ही हलके में नहीं लिया जाना चाहिए।
इस मामले में पुलिस द्वारा जाँच की जा रही है। और माननीय उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि सिर्फ एक क्लिक में सभी 65 मैसेज गलती से नहीं भेजे जा सकते लिहाजा आरोपी की अग्रिम जमानत को उच्च न्यायालय द्वारा ख़ारिज कर दिया गया है।
व्हट्स एप्प मैसेज भेजते समय रखें सावधानी
अंत में कहा जा सकता है की आधुनिकता के बढ़ने के साथ- साथ साइबर अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं और अब कोर्ट के इस फैसले से ये बिलकुल साफ़ हो चुका है कि साइबर अपराधों के मामलों में अब कोर्ट का रुख सख्त है और अपराधी को बक्शा नहीं जा सकता। उचित तो यह ही माना जा सकता है कि इस प्रकार के अपराध को न दोहराया जाए और इस प्रकार के अपराधों में कार्यवाही भी करनी आवश्यक है।
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