लीव इन रिलेशनशिप और भारतीय कानून । Live In Relationship and Indian Law.
नेमपाल सिंह के द्वारा
लीव इन रिलेशनशिप और भारतीय कानून (Live in Relationship)
लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) के बारे में वैसे तो सबको जानकारी है। लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) एक व्यस्क लड़के व् लड़की के बीच में वो सम्बन्ध होता है जिसके अंतर्गत एक व्यस्क लड़का और लड़की अपनी मर्जी से अपनी आज़ाद इच्छा से एक दूसरे के साथ एक छत के नीचे एक साथ रहने का निर्णय करते है। आजकाल महानगरों में और भारत के कई शहरों में लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) का काफी प्रचलन है। आज कल काफी युवाओं को इस रिलेशन में रहते हुए देखा जा सकता है। आधुनिकता के बढ़ने के साथ- साथ लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) का प्रचलन भी बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे काफी कारण हो सकते हैं लेकिन इस प्रचलन के पीछे एक मुख्या कारण आज़ाद ख्यालात और आधुनिकता ही माना जा सकता है। अब यहाँ यह जानना बहुत अधिक आवश्यक है कि लीव इन रिलेशनशिप के सन्दर्भ में भारतीय कानून क्या कहता है। क्या लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) को कानूनन रूप से मान्यता प्राप्त है या फिर इसे एक अपराध के रूप में देखा जाता है। इस विषय में भारतीय कानून को जानना बहुत अधिक आवश्यक है।
क्या कहता है भारतीय कानून
यहाँ यह बताना आवश्यक है कि अब तक भारतीय कानून के अंतर्गत कोई भी ऐसा कानून नहीं है जो लीव इन रिलेशनशिप को परिभाषित करता हो। सिर्फ इस बारे में जाना जाता है कि लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) एक लड़का व् लड़की के एक साथ रहने को कहा जाता है। इस सन्दर्भ में अगर कानून की बात की जाये तो जैसा की बताया गया है कि कोई भी कानून अभी तक लीव इन रिलेशन के सम्बन्ध में अस्तित्व में नहीं है जिसके कारण समाज में काफी तरह की धारणाएं बनी हुई हैं।
हाल ही में यानि कि सन 2018 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एक आदेश पारित किया गया जिसके अंतर्गत अब लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) को क़ानूनी मान्यता मिल गयी है। एक मामले में फैसला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने ये निर्णय लिया। कुछ महीनों पहले एक लड़की जो की 18 वर्ष से अधिक थी और लड़का 21 वर्ष से काम उम्र का था दोनों ने विवाह कर लिया था जिसको कि माननीय उच्च न्यायालय, केरल में चुनौती दी गयी और यह दलील दी गयी कि Prohibition of Child Marriage Act के अंतर्गत यह आवश्यक है कि कानूनन विवाह के लिए लड़के की कम से कम उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष होनी आवश्यक है और माननीय उच्च न्यायालय, केरल के द्वारा विवाह को गैरकानूनी करार दिया गया। उक्त केरल उच्च न्यायालय के फैसले को माननीय सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ये दलील देते हुए कहा कि इस प्रकार का विवाह void नहीं बल्कि Hindu Marriage Act के अंतर्गत voidable माना जायेगा लेकिन विवाह को गैरकानूनी (Void) नहीं कहा जा सकता है। सुनवाई के दौरान लड़की ने अपनी इच्छा लड़के के साथ रहने की जताई और माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने लड़की की इच्छा को मानते हुए लड़के के साथ रहने की इजाजत दे दी। फैसके के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय ने कहा की यदि लड़का व् लड़की बालिग हैं तो यह उनका संवैधानिक अधिकार है की वो अपनी इच्छा से अपनी मर्जी से एक दूसरे के साथ रह सकते है। जिसमें राज्य या कोई भी सरकार, कोई भी व्यक्ति अथवा पुलिस हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इस फैसले के बाद लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) को एक आधार मिला और आज की दिनांक में ये कहा जा सकता है कि लीव इन रिलेशनशिप एक अपराध नहीं है और अब लीव इन रिलेशनशिप क़ानूनी दायरे के भीतर आ चुका है। हालां कि कानून के अंतर्गत ये कहा जा सकता है कि लड़का व् लड़की वयस्क होने के बाद यानि कि अपनी 18 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद यदि एक दूसरे के साथ लीव इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला करते हैं तो वह तब तक विवाह नहीं कर सकते जब तक कि Prohibition of Child Marriage Act के अंतर्गत लड़के की उम्र 21 वर्ष पूरी नहीं हो जाती। यदि उदहारण के तौर पर रहे इस परिस्थिति में जबकि लड़की 18 वर्ष पूरा कर चुकि है और लड़का भी अपनी 18 वर्ष पूरी कर चुका है तो यदि विवाह कर लिया जाता है तो वह विवाह Hindu Marriage Act के अनुसार voidable होगा लेकिन गैरकानूनी (Void) नहीं माना जा सकता है।
कानूनन रूप से उम्र कम होने की स्थिति में क्या कहता है कानून
अब सवाल यह उठता है कि यदि लड़के और लड़की की उम्र कानूनन रूप से 18 वर्ष ना हो यानि कि वह दोनों 18 वर्ष से काम उम्र के हों तो क्या वह दोनों लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) में रह सकते हैं ? इस सवाल के जवाब में कानूनन रूप से ये कहा जा सकता है कि 18 वर्ष से काम उम्र अवयस्क की श्रेणी में आती है और जो अवयस्क यानि कि Minor हों उन्हें लीव इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार प्राप्त नहीं है। यह अधिकार उन्हें कानूनन रूप से तभी मिल सकता है जब लड़का व् लड़की अपनी उम्र 18 वर्ष पूरा कर लें। Prohibition of Child Marriage Act के अंतर्गत विवाह के लिए लड़की के सन्दर्भ में 18 वर्ष और लड़के के लिए 21 वर्ष पूरा करना आवश्यक है।
लीव इन रिलेशनशिप और पुलिस
अब एक बड़ा सवाल यह उठता है कि लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) के सन्दर्भ में पुलिस क्या कर सकती है ? यहाँ यह बताना अत्यंत आवश्यक है कि लीव इन रिलेशनशिप (Live in Relationship) में यदि लड़का व् लड़की बालिग अर्थात व्यस्क हैं तो पुलिस को उनकी व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करने का कोई भी अधिकार नहीं है यहाँ तक कि किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से या फिर लड़का व् लड़की के रिश्तेदारों के रूप में भी लड़का व् लड़की के जीवन में हस्तक्षेप या बाधित करने का कोई अधिकार नहीं है। यहाँ यह बताना आवश्यक है कि यदि कोई व्यक्ति या पुलिस लीव इन रिलेशनशिप में रह रहे लड़का व् लड़के को तंग करते है या उनके जीवन में व्यवधान डालते हैं या किसी किस्म की धमकी देते हैं तो लड़का व् लड़की कोर्ट के माध्यम से उनके खिलाफ आदेश प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को सुरक्षित कर सकते है।
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