Section 294 IPC in Hindi. धारा 294 भारतीय दंड संहिता. सार्वजनिक स्थान और अश्लीलता


नेमपाल सिंह के द्वारा 




सार्वजनिक स्थान (Public Place) और अश्लीलता 


      वैसे तो हर एक व्यक्ति इस बारे में अच्छी तरह जनता है कि सार्वजनिक स्थान (Public Place) क्या होता है और सार्वजनिक स्थान (Public Place)  पर यदि कोई व्यक्ति किसी को तंग या परेशान करे तो वह एक अपराध है लेकिन ये जानना अत्यंत आवश्यक है कि जब तक किसी भी अपराध या पारिस्थिति के सन्दर्भ में कानून में परिभाषा नहीं होगी तो उस किस्म के कार्य या परिस्थिति को अपराध नहीं माना जा सकता। अब यह जानना भी आवश्यक है कि यदि सार्वजानिक स्थान (Public Place) पर कोई व्यक्ति अश्लील कार्य  करता है या फिर कुछ और  प्रकार के ऐसे कार्य करता है जो भारतीय कानून में परिभाषित है तो उस परिभाषा के अंतर्गत हम जान सकते हैं की कानून किन-किन परिस्थितियों के विषय में क्या कहता है। अब सवाल ये है कि सार्वजनिक स्थान (Public Place) पर अश्लीलता के विषय में भारतीय कानून क्या कहता है। इस विषय में जानने के लिए भारतीय कानून को जानना बहुत अधिक आवश्यक है। 

क्या कहता है भारतीय कानून 

      सार्वजनिक स्थान (Public Place) पर अश्लीलता के विषय में भारतीय कानून मुख्या रूप से  भारतीय दण्ड संहिता के अंतर्गत अध्याय 14 में धारा 294 में परिभाषित किया गया है। भारतीय कानून के अंतर्गत दी गयी परिभाषा के अनुसार आप दी गयी इमेज  माध्यम से इस धारा की अंग्रेजी भाषा में दी गयी परिभाषा को पढ़ सकते हैं।
धारा 294 भारतीय दंड संहिता  :  हिंदी में परिभाषा 

    जो भी कोई व्यक्ति किसी दूसरे को चिढ़ाने के उद्देश्य से या फिर तंग करने के उद्देश्य से 
(अ) किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कोई भी अश्लील कार्य करता है। 
(ब) किसी भी सार्वजनिक स्थान या उसके आस पास कोई भी अश्लील गाना गाता है या कोई कथागीत गाता है या कोई शब्द गाता या बोलता है 
      तो इस धारा के अंतर्गत उस व्यक्ति को उसके खिलाफ कोर्ट में दोष सिद्ध होने पर तीन माह तक की सजा हो  सकती है या फिर आर्थिक दंड के रूप में जुर्माने के द्वारा दण्डित किया जा सकता है या फिर सजा व् जुर्माने दोनों के द्वारा दण्डित किया जा सकता है।

इस धारा के अंतर्गत अपराध एक संज्ञेय अपराध होता है अर्थात पुलिस अपराधी को बिना किसी वारंट के सिर्फ सूचना के आधार पर गिरफ्तार कर सकती है। साथ में यह अपराध एक जमानती अपराध है। इस धारा के अंतर्गत अपराधी को आसानी से जमानत मिल सकती है। 

      इस धारा के अंतर्गत यदि परिभाषा में हम देखते हैं तो यह बिलकुल स्पष्ट हो जाता है कि हर एक वो व्यक्ति जो किसी भी सार्वजनिक स्थान (Public Place) में  या सार्वजनिक स्थान के आस-पास परिभाषा के अंतर्गत अश्लील गाने जाता या गुनगुनाता है या किसी किस्म का अश्लील शब्द बोलता है और उसके इस गाने या बोलने से दूसरों को परेशानी या चीड़ होती है और यदि कहा जाये तो दूसरों को असहजता महसूस होती है तो ऐसा व्यक्ति इस धारा के अंतर्गत दोषी माना जाएगा। 
                                      अब यहाँ एक सवाल जो उठता है वो यह है कि यदि एक से अधिक लोगों द्वारा एक समूह के रूप में इस प्रकार का अपराध किया जाता है तो क्या वह सभी इस धारा के अंतर्गत दोषी माने जाएंगे। इसके उत्तर के रूप में यह कहा जा सकता है कि हर वह व्यक्ति जो यदि वह एक से अधिक भी क्यों न हो या फिर उनमें कोई महिला भी क्यों ना हो वह सभी इस धारा के अंतर्गत दोषी माने जाएँगे।

कानून का पालन 
  इस बात के बारे में बताना भी अवश्वय है कि कानून के अनुसार तथ्यों को नज़रअंदाज़ करना तो मान्य है लेकिन कानून को नज़रअंदाज़ करना मान्य नहीं है इसलिए कानून के विषय में यह बिलकुल भी नहीं कहा जा सकता कि मुझे कानून पता नहीं था। क्योंकि इस विषय में अत्यधिक लोगों को मालूम नहीं है तभी कई बार देखा जाता है कि अनभिज्ञता के कारण लोग कानून का उल्लंघन कर देते हैं जो कि किसी भी रूप में कानून के अनुसार सवीकार नहीं किया जा सकता है।  कानून सभी धाराओं के सन्दर्भ में एक ही तरह की मान्यता रखता है अर्थात यदि कानून का उल्लंघन होता है तो निर्धारित कानून के अनुसार सजा का प्रावधान है और गुनाह साबित होने पर सजा भी दी जाती है।

CLASSIFICATION OF OFFENCE

Punishment: Under this section, punishment is mentioned  Imprisonment for 3 months, or fine, or both-- Cognizable-- Bailable.



This section is cognizable and bailable means under this section police have the power to arrest the accused person without the warrant. For more information about cognizable and non-cognizable offences in Hindi: (click here)


For more information watch our YouTube video: (click here,यहाँ क्लिक करें)


       

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