What is Parole? (Hindi) पैरोल क्या है?


नेमपाल सिंह के द्वारा 





पैरोल क्या है : जब कभी किसी भी अपराधी या दोषी को किसी कारण से या फिर किसी ख़ास परिस्थिति में अपराधी या दोषी के द्वारा आवेदन किए जाने पर जेल के बाहर आने के या फिर जेल के बाहर लाए जाने के आदेश दिए जाते हैं तो उस स्थिति को पैरोल कहा जाता है I

पैरोल दो तरह की होती है : कस्टडी पैरोल और रेगुलर पैरोल

कस्टडी पैरोल क्या है : 
                  कस्टडी पैरोल वह होती है जिसके अंतर्गत दोषी अथवा अपराधी को किसी विशेष स्थिति में जेल से बाहर लाया जाता है और उस समय वह पुलिस कस्टडी में ही रहता है पुलिस का सुरक्षा घेरा उसके साथ होता है जिससे कि वह फरार ना हो सके I इस प्रकार की पैरोल अपराधी को तब दी जाती है जब किसी ख़ास रिश्तेदार की उसके परिवार में मौत हो जाती है या फिर उसके परिवार में किसी विशेष व्यक्ति की शादी होती है, उसके परिवार में यदि कोई बीमार होता है या फिर कोई भी ऐसी परिस्थिति जो कि अपराधी के लिए बहुत आवश्यक है तो उस अपराधी को पैरोल पर कुछ घंटों के लिए बाहर लाया जाता है I कस्टडी पैरोल अधिकतम 6 घंटों के लिए होती है I कस्टडी पैरोल के लिए जेल सुपरिंटेंडेंट को अवदान किया जा सकता है और यदि कस्टडी पैरोल को जेल सुपरिंटेंडेंट के द्वारा रिजेक्ट कर दिया जाता है तो कोर्ट के माध्यम से पैरोल के आदेश प्राप्त किये जा सकते हैं I

रेगुलर पैरोल क्या है : 
                रेगुलर पैरोल की स्थिति में वह अपराधी जिसे सजा सुनाई जा चुकी होती है, रेगुलर पैरोल के लिए आवेदन कर सकता है I इसके लिए आवश्यक है की अपराधी कम से कम एक साल की सजा जेल में काट चुका हो, जेल में अपराधी का व्यव्हार अच्छा हो, पहले यदि वह जमानत पर रिहा  हुआ है और उसने रिहा होने पर कोई भी अन्य अपराध ना किया हो I रेगुलर पैरोल एक साल में कम से कम एक महीने के लिए दी जा सकती है I पैरोल कुछ विशेष परिस्थितियों में दी जा सकती है जैसे कि यदि उस अपराधी के परिवार में कोई बीमार हो, किसी विशेष व्यक्ति का परिवार में विवाह हो या फिर किसी परिस्थिति में मकान की मरम्मत करानी बहुत जरुरी हो, यदि परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो गयी हो, यदि पत्नी गर्भवती हो और डिलीवरी होनी हो और घर में कोई और व्यक्ति देख रेख के लिए ना हो और इसके अलावा किसी और प्रकार का ऐसा काम हो जिसे पूरा किया जाना अपराधी के लिए बहुत जरुरी हो I

पैरोल कब नहीं दी जा सकती है : 
                         पैरोल पर किसी अपराधी को उस परिस्थिति में नहीं छोड़ा जा सकता है जब यदि अपराधी का व्यव्हार जेल में संतोषजनक ना हो I यदि अपराधी पहले कभी पैरोल पर बाहर आया हो और उसने पैरोल की शर्तों का पालन ना किया हो I यदि अपराधी ने बलात्कार के बाद हत्या की हो या फिर देश द्रोह जैसे मामले में उसे सजा हुई हो या फिर अपराधी को किसी प्रकार की आंतकवादी गतिविधि जैसे अपराध के लिए सजा हुई हो तो पैरोल नहीं दी जाती है और इसके अलावा यदि अन्य किसी किस्म के देश की सुरक्षा से जुड़े हुए किसी मामले में सजा सुनाई गयी है तो अपराधी को पैरोल पर नहीं छोड़ा जा सकता है I


रेगुलर पैरोल का आवेदन किसे किया जाता है : 
                                  रेगुलर पैरोल का आवेदन भी जेल सुपरिंटेंडेंट को ही किया जाता है और यदि जेल सुपरिंटेंडेंट के द्वारा पैरोल को रिजेक्ट कर दिया जाता है तो हाई कोर्ट में पैरोल के लिए पेटिशन फाइल की जा सकती है और यदि पैरोल हाई कोर्ट के द्वारा ख़ारिज की जाती है तो इसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में की जा सकती है I

For more information you can watch our YouTube video: (click here, यहाँ क्लिक करें)





No comments:

Most Popular Post

Love Marriage and protection In Hindi.प्रेम विवाह व् भारतीय कानून

Love Marriage, protection and Indian Law नेमपाल सिंह के द्वारा

Powered by Blogger.